धूप देय अरु जपै हमेशा, ताके तन नहिं रहै कलेशा । श्री हनुमान बाहुक का प्रयोग गम्भीर रोगों के निवारण हेतु किया जाता है। श्री हनुमान बाहुक की रचना तुलसीदास जी ने रोगों से मुक्त होने की कामना से की थी। इसके पाठ से श्री हनुमान जी प्रसन्न होते हैं https://www.instagram.com/p/DFWTy0gvMKk/
5 Simple Statements About Panchmukhi hanuman Explained
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